नमस्कार दोस्तों, ये लेख मछली पालन बिज़नेस के बारे में है। अगर आप किसान हो और आप अपनी आय बढ़ाना चाहते हो तो आप खेती बाड़ी कार्य के साथ मछली पालन का बिज़नेस करके अपनी आय को दोगुना कर सकते हो। यह एक सरल बिज़नेस है और बाजार में मछली की बहुत अधिक मांग है। इसकी बहुत बड़ी मार्किट है और सरकार भी मछली पालन बिज़नेस को बढ़ावा दे रही है।
अगर आप मछली पालन का बिज़नेस करते हो तो आप सरकारी योजना में आवेदन करके लोन और सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हो। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आवेदन करके लोन पर 60 % तक की सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हो।
मान लेते हैं कि आपका प्रोजेक्ट अगर ₹10 लाख का है तो आप इस योजना में ₹6 लाख तक सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हो। इस लेख में हम मछली पालन बिज़नेस के बारे में विस्तृत में जानकारी हासिल करेंगे, जैसे -
- फिश फार्मिंग कैसे की जाती है और फिश टैंक या तालाब उनका निर्माण कैसे किया जाता है। जब भी आप फिश फार्मिंग करना चाहते हो तो आपको तालाब कैसे बनाना है इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
- मछली पालन करने के लिए सरकारी योजना में कितना लोन मिलता है। कौन कौन सी सरकारी योजना है जिनमें आप आवेदन करके लोन ले सकते हो और इन योजनाओं में आपको कितनी सब्सिडी मिलेगी और सब्सिडी मिलने की प्रक्रिया क्या होती है।
- फिश फार्मिंग करने के लिए किसान के पास कितनी भूमि होनी चाहिए, कितनी भूमि की जरूरत होती है ये बिज़नेस करने के लिए।
- सरकारी योजना में लोन और सब्सिडी का लाभ लेने के लिए क्या क्या शर्तें होती है। सरकारी योजनाओं के तहत आपको कौन कौन सी शर्तें पूरी करनी होगी, बैंक की कौन कौन सी शर्तें होती है जो आप पूरा करोगे तभी आपको लोन मिलता है।
- सरकारी योजना में लोन और सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे करें, इसमें आवेदन कैसे होगा और क्या क्या डॉक्यूमेंट आपके पास होने चाहिए।
- किसान को कुल कितना खर्च करना पड़ता है मछली पालन बिज़नेस करने के लिए और यह बिज़नेस करने पर किसान को कितना प्रॉफिट हो सकता है।
दोस्तों यह लेख हम पूरी तरह से रिसर्च करके बना रहे हैं। अगर आप मछली पालन का बिज़नेस करना चाहते हो तो आपके लिए यह एक महत्वपूर्ण लेख साबित होगा।
Table of Contents
फिश फार्मिंग कैसे करें , तालाब निर्माण कैसे करें
सबसे पहले नंबर एक टॉपिक पर फिश फार्मिंग कैसे किया जाता है और फिश फार्मिंग करने के लिए तालाब का निर्माण कैसे किया जाता है। आप मछली पालन का बिजनेस खेतीबाड़ी के साथ भी कर सकते हो। अगर खेतीबाड़ी के साथ करना चाहते हो तो खेतीबाड़ी के साथ भी कर सकते हो और अगर आप बिजनेस के तौर पर अलग से करना चाहते हो तो अलग से केवल मछली पालन का बिज़नेस भी कर सकते हो।
मछली पालन का बिजनेस दो प्रकार से कर सकते हो। एक तो मछली पालन कर सकते हो यानी कि तालाब में मछली पालन करके और मछली बेच करके आप प्रॉफिट बना सकते हो या फिर आप हैचरी का बिजनेस भी कर सकते हो। हैचरी के बिजनेस में आप को मछली के अंडे और मछली के बच्चे तैयार करने होते हैं।
एक व्यवसायिक तरीके से मछली के बच्चे तैयार किए जाते हैं और उनके बच्चे को दूसरे किसानों को सप्लाई करके यानी कि सीड सप्लाई करके आप प्रॉफिट बना सकते हो। तो आप हैचरी का बिजनेस भी कर सकते हो, मछली पालन का बिजनेस भी कर सकते हो।
मछली पालन के लिए तालाब कैसे बनाए
तो यह निर्भर करता है कि आप कितना बड़ा बिजनेस करना चाहते हो, कितनी मछलियां डालना चाहते हो और कौन सी ब्रीड रखना चाहते हो। यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के तालाब बनाते हो। आमतौर पर जो तालाब है वो आयताकार बनाए जाते हैं ताकि मछलियों को अधिक जगह मिल सके और तालाब की जो दिशा होती है वो पूर्व से पश्चिम रखी जाती है ताकि प्रकाश संश्लेषण ठीक से हो सके।
तो इस प्रकार से तालाब बनाया जाता है। अगर किसान के पास जगह की कमी है तो बायो टैंक बना करके भी मछली पालन किया जा सकता है।
बायो टैंक में कृत्रिम टैंक बनाए जाते हैं। ये इंजीनियर की मदद से कृत्रिम टैंक बनाए जाते हैं और इनमें आपको मछलियों को पूरी सुविधा देनी होती है। जैसे छाया की सुविधा है और ऑक्सीजन वगैरह की पूरी सुविधा इसमें देनी होती है। बायो टैंक बना कर के भी किसान मछली पालन कर सकते हैं और मछली पालन से प्रॉफिट बना सकते हैं।
सरकारी योजना में कितना लोन और सब्सिडी मिलती है
इसके बाद नंबर दो टॉपिक है मछली पालन करने के लिए कौन कौन सी सरकारी योजनाओं में लोन मिलता है,आपको कितना लोन मिल सकता है और इन योजनाओं में आपको कितनी सब्सिडी मिलती है। तो मछली पालन करने के लिए आप दो प्रकार की सरकारी योजनाओं में लोन ले सकते हो।
सबसे पहले प्रधानमंत्री मुद्रा योजना : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में राइट टू एग्रीकल्चर बिजनेस के तहत आप फिश फार्मिंग लोन ले सकते हो। इस योजना में आपको अधिकतम ₹10 लाख तक का लोन मिल सकता है। अगर आप मुद्रा योजना में लोन लेते हो तो आपको बिना कोलेटरल के अर्थात बिना सिक्योरिटी के लोन मिल सकता है और यहां पर आपको केवल अधिकतम ₹10 लाख तक का ही लोन मिलता है।
इसके अलावा आप प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में लोन ले सकते हो। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आप फिश फार्मिंग के लिए लोन ले सकते हो। यहां पर आपको लोन पर सब्सिडी मिलती है। अगर आपकी कैटेगरी SC/ST है या फिर आप महिला आवेदक है तो आपको 60% तक की सब्सिडी का लाभ मिलता है। जनरल कैटेगरी को 40 % सब्सिडी मिलती है।
अगर आप प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में लोन ले रहे हो और मान लेते हैं कि आपका प्रोजेक्ट ₹10 लाख का है तो आपको यहां पर अगर आप SC/ST कैटेगरी से संबंधित हो तो आपको 60% सब्सिडी मिल सकती है। यानी कि ₹6 लाख तक की आपको सब्सिडी का लाभ मिल सकता है।
तो इन दो योजनाओं में आप फिश फार्मिंग करने के लिए लोन ले सकते और सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हो। ये दोनों योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इनकी और अधिक जानकारी आप विभाग में जाकर के प्राप्त कर सकते हैं।
कितनी भूमि होनी चाहिए
नंबर तीन टॉपिक है फिश फार्मिंग करने के लिए किसान के पास कितनी भूमि होनी चाहिए। तो अगर आप शुरुवात कर रहे हो तो सबसे पहले आप एक एकड़ से भी शुरुआत कर सकते हो। आप जितना बड़ा बिज़नेस करना चाहते हैं उसके हिसाब से ही आपको भूमि की जरुरत होती है।
यहां पर हम उदाहरण के लिए एक एकड़ ही समझेंगे कि एक एकड़ पर आप कितनी फिश फार्मिंग कर सकते हो। तो आप शुरुवात कर सकते हो एक एकड़ से भी या फिर अगर आपके पास भूमि नहीं है तो आप बायो टैंक के माध्यम से भी फार्मिंग कर सकते हो। अगर आपके पास खुद की भूमि है तो भूमि के सारे दस्तावेज आपके पास होने चाहिए जैसे रजिस्ट्री , जमाबंदी इत्यादि ।
अगर आपके पास खुद की भूमि नहीं है और आप फिश फार्मिंग करना चाहते हो तो आप लीज पर भूमि ले करके भी फिश फार्मिंग कर सकते हो। अगर आप लीज पर भूमि लेकर फिश फार्मिंग कर रहे हो तो कम से कम आपको 10 साल के लिए भूमि लीज पर लेनी है और उसको रजिस्टर्ड करवाना होगा। आप जब भी लीज एग्रीमेंट बना रहे हो तो उसको रजिस्टर्ड जरूर करवाइयेगा।
अगर आप ग्राम पंचायत के किसी तालाब में फिश फार्मिंग करना चाहते हो तो ग्राम पंचायत के जो तालाब बने होते हैं उनमें भी फिश फार्मिंग कर सकते हो। लेकिन अगर आप ग्राम पंचायत के तालाब पर फिश फार्मिंग कर रहे हो तो उस पर भी आपको लीज एग्रीमेंट बनाने और कम से कम 10 साल का लीज एग्रीमेंट होना चाहिए और वह एग्रीमेंट रजिस्टर्ड होना चाहिए। अगर आपके पास भूमि नहीं है, अगर कम भूमि है तो आप बायो टैंक बना करके भी इसमें फिश फार्मिंग कर सकते हो।
बायो टैंक क्या है
बायो टैंक एक कृत्रिम टैंक है जो इंजीनियर की मदद से बनाए जाते हैं और उसमें सारी सुविधाएं होती है। जैसे ऑक्सीजन की सुविधा होती है, शेड वगैरह बना होता है। इन टैंक में भी किसान फिश फार्मिंग कर सकते हैं और अच्छा प्रॉफिट बना सकते हैं।
आगे हम देखते हैं कि अगर आप एक एकड़ तालाब में फिश फार्मिंग कर रहे हो तो इसमें आप कितनी मछलियां रख सकते हो। अगर आप इंडियन मेजर कार्प मछली रखते हो ज्यादातर लोग इन्हीं से ही फार्मिंग कर रहे हैं। परन्तु आप इसमें रोहू, कतला, मृदल ये मछली भी आप रख सकते हो।
अगर आप एक एकड़ में इंडियन मेजर कार्प मछली रख रहे हो तो आप शुरुवात में कम से कम 4000 से लेकर के 5000 मछलियां इसमें आप डाल सकते हो, और इससे आप अच्छा प्रॉफिट बना सकते हो। और अगर आप एक एकड़ में मछलियां रखना चाहते हैं तो शुरुआती स्टेज में आप 15,000 मछलियां या फिर अधिक से अधिक 20,000 मछलियां डाल सकते हो।
आप एक एकड़ में कितनी मछलियां रख सकते हो ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपके पास सुविधा कैसी है। यानी कि आपका तालाब कच्चा है या पक्का है। उसमें हवा वगैरह की सुविधा कैसी है , आपके पास जो पानी है उसकी गुणवत्ता कैसी है, आपका अनुभव क्या है? ये सारी चीजें बहुत मैटर करती है।
लेकिन अगर आप शुरुआत कर रहे हो एक एकड़ से और अगर आप इंडियन मेजर कार्प मछली से शुरुआत कर रहे हो तो आप 4 से 5000 मछलियां इसमें डाल सकते हो और अच्छा प्रॉफिट बना सकते हो।
लोन एवं सब्सिडी के नियम और शर्तें
सरकारी योजना में लोन और सब्सिडी लेने के लिए किसान को क्या क्या शर्तें पूरी करनी पड़ती है, क्या क्या शर्तें हैं, योजना के अनुसार और बैंक की क्या क्या शर्तें होती है वो किसान को पूरी करनी पड़ती है। अगर आपको इनकी जानकारी होगी तो आप आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हो। सरकारी योजना में लोन लेने के लिए आपको कई बातों का ध्यान रखना है।
सबसे पहले है ट्रेनिंग। अगर आप फिश फार्मिंग करना चाहते हो तो सबसे पहले आपको ट्रेनिंग लेना जरूरी है। फिश फार्मिंग करने के लिए आपके पास ट्रेनिंग होनी चाहिए और ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट होना चाहिए तभी आप आवेदन कर सकते हो और तभी आपका लोन अप्रूव होता है।
अब आपके मन में सवाल होगा कि हम ट्रेनिंग कहां से ले तो आप ट्रेनिंग लेने के लिए अपने जिले में जो कृषि विज्ञान केंद्र है, हर एक डिस्ट्रिक्ट में कृषि विज्ञान केंद्र होता है। आपको अपने जिले में कृषि विज्ञान केंद्र जाकर के फिश फार्मिंग ट्रेनिंग के बारे में बात करनी होगी। अगर वहां पर ट्रेनिंग उपलब्ध है तो वहां से आप ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हो।
इसके अलावा आपके एरिया में जो सफल फिश फार्मिंग कर रहे हैं, पहले से जो फिश फार्मिंग कर रहे हैं, जिनके पास बड़ा फिश फार्म है वहां जाकर के भी आप ट्रेनिंग और अनुभव ले सकते हो। तो ट्रेनिंग आपके पास होनी चाहिए और ट्रेनिंग सर्टिफिकेट होना चाहिए।
नंबर दो है भूमि। अगर किसान फिश फार्मिंग करना चाहता है तो किसान के पास पर्याप्त भूमि और जल की व्यवस्था होनी चाहिए। तभी वो फिश फार्मिंग कर सकते हैं।
इसके बाद नंबर तीन है प्रोजेक्ट रिपोर्ट। अगर आप फिश फार्मिंग लोन लेना चाहते हो तो आपके पास पूरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट होनी चाहिए। क्योंकि बैंक प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर आपके बिजनेस के बारे में अनुमान लगाते हैं।
प्रोजेक्ट रिपोर्ट में आपके बिजनेस की पूरी जानकारी होती है। जैसे आप जो मछली रख रहे हो वो कौन सी ब्रीड की है, कितनी मछलियां रख रहे हो, कितना आपने इन्वेस्टमेंट किया है, मार्केटिंग क्या है, लेबलिंग क्या है? इस प्रकार से इसमें पूरी जानकारी होती है।
तो डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करवा लीजिए। आप एडवोकेट से या सीए की मदद से प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवा लीजिए, तभी आप लोन के लिए आवेदन कर सकते हो।
इसके बाद नंबर चार है आईटीआर। अगर आप अप्लाई कर रहे हो लोन के लिए तो आपके पास पिछले तीन साल की आईटीआर रिपोर्ट होनी चाहिए और आपको ध्यान रखना है कि आपका आईटीआर ऑडिट होना चाहिए।
इसके बाद नंबर पांच एक्सपीरियंस। अगर आप सफल फिश फार्मिंग करना चाहते हो तो सबसे पहले आपको अनुभव लेना होगा। फिश फार्मिंग शुरुआत करने से पहले आप अपने नजदीकी फिश फार्म जो चला रहे हैं उनके पास जाकर वहां से एक्सपीरियंस जरूर लें।
आपको देखना हैं कि मछलियों की फीडिंग कैसे की जाती है, सैंपलिंग कैसे करते हैं, मॉनिटरिंग कैसे करते हैं, ग्रेडिंग कैसे करते हैं , पानी में ऑक्सीजन वगैरह की सप्लाई कैसे करते हैं और अमोनिया लेवल को कंट्रोल कैसे करते हैं।
इस प्रकार से काफी सारी जानकारी होती है जो कि आपको पहले सीख लेना जरूरी है तो आपके पास एक्सपीरियंस जरूर होना चाहिए, तभी आप सफलतापूर्वक फिश फार्मिंग कर सकते हो।
इसके बाद नंबर छह है कोलेट्रल सिक्योरिटी। अगर आप बैंक से लोन लेना चाहते हो तो आपसे बैंक कोलेटरल सिक्योरिटी की डिमांड कर सकते हैं। अगर आप ₹10 लाख का लोन लेते हो तो आपके पास उतना कोलेट्रल भी होना चाहिए।
आपको अपनी भूमि वगैरह बैंक के पास गिरवी रखनी पड़ सकती है। भूमि की वैल्यूएशन भी बैंक करवाता है तो आपके पास कोलेटरल होना चाहिए। तभी आपका लोन अप्रूव्ड होता है। तो इन टॉपिक्स को आपको ध्यान में रखना है। आप अगर लोन लेना चाहते हो तो ये सारे चीजें आपके पास होनी चाहिए।
आवेदन कैसे करें
इसके बाद नंबर पांच टॉपिक है सरकारी योजना में लोन और सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे करें, और आवेदन करने के लिए आपके पास क्या क्या डॉक्यूमेंट होने चाहिए। तो अगर आप प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आवेदन कर रहे हो तो सबसे पहले आपको अपने जिला में मत्स्य विभाग में जाना है। वहां जाकर के आप फिशरी इंस्पेक्टर से मिलें और अपना प्रोजेक्ट दिखाएं।
वो आपको पूरी प्रोसेस समझा देंगे की इसमें क्या क्या डॉक्यूमेंट लगते हैं।,आगे आपको क्या करना होगा। इस प्रकार से पूरी जानकारी आपको वहां से मिलेगी।
इसके बाद आपको वहीं से आवेदन फार्म मिलेगा। आवेदन फार्म आपको अच्छी तरह से भर करके जो मैंने आपको डॉक्यूमेंट बताए हैं वो सारे डॉक्यूमेंट और विभाग से अगर कोई और डॉक्यूमेंट मांगते हैं तो वो डॉक्यूमेंट भी आपको साथ में लगा कर के फार्म आपको विभाग में जमा करवा देना है।
इसके बाद विभागीय कार्रवाई होती है। आगे आपका जो आवेदन प्रोसेस होगा और जब आपका आवेदन प्रोसेस हो जाएगा तो विभागीय अधिकारी आपकी लोकेशन पर आएंगे। जहां पर आप फिश फार्मिंग करना चाहते हो टैंक वगैरह तलाब वगैरह बनाना चाहते हो वहां पर आएंगे।
वहां पर आपकी जो भूमि है उसकी नपाई करेंगे और उसके बाद जब आपका लोन सेंक्शन हो जाता है तो तलाब की खुदाई की जाती है। तो इस प्रकार से इसका प्रोसेस रहता है।
सबसे पहले आपको अपने जिले में मत्स्य पालन विभाग अर्थात मछली पालन विभाग है वहां जाकर के इसके बारे में कांटेक्ट करना है। अगर आप प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में राइट टू एग्रीकल्चर बिजनेस के तहत फिश फार्मिंग लोन लेना चाहते हो तो आप बैंक में जा सकते हो। बैंक में जाकर के आपको अपना प्रोजेक्ट रिपोर्ट दिखानी है, आपके डॉक्यूमेंट दिखाने हैं। आपको बैंक से ही आवेदन फार्म मिलेगा।
मुद्रा योजना में आवेदन करने के लिए वहां पर आप आवेदन फार्म फिलअप करके और सारे डॉक्यूमेंट जो भी डॉक्यूमेंट की जरुरत है वो सारे डॉक्यूमेंट लगा करके बैंक में फार्म जमा करवा दे। इसके बाद आपका फार्म है वो आगे प्रोसेस होगा आपका लोन प्रोसेस हो जाएगा।
जरुरी दस्तावेज
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट
- ट्रेनिंग सर्टिफिकेट
- KYC document - आधार कार्ड , पैन कार्ड , वोटर कार्ड ,बैंक अकाउंट , फोटो
- लीज एग्रीमेंट
- जाति प्रमाणपत्र
इस प्रकार से अगर आप सूझबूझ के साथ आवेदन करते हो तो आपका लोन जल्दी प्रोसेस हो सकता है, जल्दी लोन अप्रूव हो सकता है और आपको लोन और सब्सिडी का लाभ मिल सकता है।
कुल लागत और लाभ की जानकारी
दोस्तों मछली पालन करने पर किसान को कुल कितना खर्च करना पड़ता है और कितना उनको प्रॉफिट बन सकता है। तो ये निर्भरकरता है किसान के बिजनेस पर और किसान कितना खर्च कर रहे हैं। जैसे किसान है वो लेबर पर कितना खर्च कर रहे हैं।
अगर किसान अपने रहने के लिए, लेबर के रहने के लिए, मकान वगैरह की व्यवस्था करे तो उस पर कितना खर्च कर रहे हैं। तलाब वगैरह की खुदाई पर कितना खर्च कर रहे हैं तो ये कई चीजों पर निर्भर करता है। यहां पर अलग अलग किसान का खर्चा अलग अलग रहता है।
यहां पर हम देखेंगे कि अगर आप एक एकड़ भूमि पर मछली का पालन कर रहे हो तो उसमें आपका कुल खर्चा कितना आता है, फीड का खर्चा कितना आता है, सीडिंग का खर्चा कितना आता है, लेबर का खर्चा कितना आता है, दवाइयों का खर्चा कितना आता है और हार्वेस्टिंग वगैरह का खर्चा कितना आता है। हम यहां पर अनुमानित खर्चा देखेंगे।
तो अगर आप एक एकड़ भूमि पर आईएमसी मछली अर्थात इंडियन मेजर कार्प मछली की फार्मिंग कर रहे हो, जिसमे रोहू, कतला, मृदुल ये सारी मछली आती है। तो इन सभी का अनुमानित खर्चा देखते हैं। अगर आप एक एकड़ तालाब में मछली पालन कर रहे हो तो इनका कुल जो खर्चा है वो लगभग ₹4 लाख का आता है। और इसकी जो हार्वेस्टिंग है वो 10 से 11 महीने में हो जाती है। हम यहां पर एक साल का अनुमानित खर्चा देख रहे हैं।
एक साल में ₹4 लाख का कुल खर्चा आपका आएगा जिसमें सीडिंग भी होगा, फीड भी होगा, लेबर होगी, हार्वेस्टिंग होगी, दवाइयां होगी। जो टोटल सेल होगी आपकी हार्वेस्ट होने के बाद वो लगभग आपकी ₹7 लाख तक की सेल हो सकती है। ₹6 लाख से लेकर ₹7 लाख तक की सेल इसमें हो सकती है।
तो अगर आपकी ₹7 लाख की सेल होती है तो यहां पर आपको प्रॉफिट है वो ₹3 लाख का प्रॉफिट किसान को आराम से मिल जाता है। एक एकड़ तालाब पर अगर आप फार्मिंग कर रहे हो तो इस प्रकार से इसमें खर्चा रहता है। इसमें जो प्रॉफिट है वो आपके एक्सपीरियंस और ट्रेनिंग पर निर्भर करता है।
अगर किसान को अच्छी ट्रेनिंग है, अच्छा अनुभव है तो वो प्रॉफिट को बढ़ा सकते हैं। जैसे जैसे किसान का अनुभव बढेगा तो उसके जो खर्चे हैं वो कम हो जाएंगे और उसका जो प्रॉफिट है वो बढ़ जाएगा। तो इस प्रकार से इसमें प्रॉफिट रहता है। कुल मिलाकर देखा जाये तो फिश फार्मिंग एक प्रॉफिट वाला बिजनेस है।
किसान अगर खेती बाडी कार्य के साथ फिश फार्मिंग करते हैं तो उनको और ज्यादा प्रॉफिट हो सकता है। कई बार ऐसा होता है कि अगर फसल वगैरह या कोई प्राकृतिक आपदा के कारण फसल खराब भी हो जाती है तो फिश फार्मिंग में उनको लाभ हो जाता है।