नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करेंगे एक ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर जो हमारी रोज़गार से जुड़ा हुआ है। इस लेख में हम लेबर कार्ड के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। लेबर कार्ड क्या है और लेबर कार्ड पर क्या क्या लाभ मिलते हैं। अगर आप मजदूरी का काम करते हो तो लेबर कार्ड बनवा कर सरकार से लाखों रुपयों का लाभ प्राप्त कर सकते हो।
मजदूर कार्ड पर कई प्रकार की सरकारी स्कीमें चलाई जाती है और इन सरकारी स्कीमों में आवेदन करके आप लाखों रुपयों का लाभ प्राप्त कर सकते हो। अगर आप राजमिस्त्री का काम करते हो, बैल्डिंग का काम करते हो, प्लंबर का काम करते हो , पेंटर का काम करते हो ,इलेक्ट्रीशियन का काम करते ,कारपेंटर का काम करते हो या फिर मजदूरी का काम करते हो तो आप सभी लेबर कार्ड बनवाने के लिए पात्र हो और लेबर कार्ड बनवा कर सरकार से सहायता प्राप्त कर सकते हो।
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योजना वर्ष | 2024 |
श्रमिक कार्ड के अंदर आने वाली योजनाओ की संख्या | row4 col 2 |
Table of Contents
लेबर कार्ड क्या होता है
तो सबसे पहले हम समझते हैं कि लेबर कार्ड क्या होता है। लेबर कार्ड को अलग अलग नामों से भी जाना जाता है जैसे लेबर कार्ड, मजदूरी कॉपी, श्रमिक कार्ड, मजदूर कार्ड आदि। लेबर कार्ड एक सरकारी योजना है जो श्रमिकों को सुरक्षा और लाभ प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करता है कि श्रमिकों को न्याय मिले और उन्हें उनके काम का सही मूल्य मिले।
लेबर कार्ड श्रमिकों को विभिन्न आपत्तियों में सुरक्षा और मदद प्रदान करता है, जैसे मजदूर के साथ किसी प्रकार की कोई दुर्घटना या स्वास्थ्य संबंधी समस्या आती है तो लेबर कार्ड पर मजदूर की मदद की जाती है। इसके अलावा लेबर कार्ड पर मजदूर को बचत , पेंशन योजनाएं, शिक्षा व प्रशिक्षण संबंधी योजनाएं, पारिवारिक सुरक्षा संबंधी योजनाएं ऐसी बहुत सी योजनाओं का लाभ दिया जाता है। आइए विस्तार से सभी योजनाओं के बारे में समझते हैं।
मजदूर पेंशन योजना
तो सबसे पहले नंबर एक योजना है मजदूर पेंशन योजना। इस योजना में मजदूर की आयु 60 वर्ष हो जाने पर हरियाणा में ₹3,250 की पेंशन दी जाती है। अलग अलग राज्य में यह अमाउंट अलग हो सकता है। इसके लिए कंडीशन यह है कि लेबर कार्ड बना होना चाहिए। आयु के प्रमाण के संबंध में वैध दस्तावेज होने चाहिए। यानी कि उसकी आयु 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है।
इसके लिए कोई वैध डॉक्यूमेंट होने चाहिए। इसके अलावा मजदूर को घोषणा पत्र देना होगा कि उसने किसी अन्य विभाग, बोर्ड, निगम या किसी संस्था से किसी भी प्रकार की कोई पेंशन प्राप्त नहीं की है या ना वह पेंशन प्राप्त कर रहा है।
कन्यादान शादी सहायता योजना
इसके बाद नंबर दो योजना है, कन्यादान शादी सहायता योजना। पंजीकृत मजदूर की बेटी की शादी पर 51,000 से ₹1,01,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
हरियाणा राज्य में बेटी की शादी पर कन्यादान योजना के तहत ₹51,000 और शादी सहायता योजना के तहत ₹50,000 यानी कि ₹1,01,000 की सहायता दी जाती है। अलग अलग राज्य में धनराशि अलग हो सकती है और स्कीम का नाम भी अलग हो सकता है।
घातक बीमारी के इलाज के लिए वित्तीय सहायता
इसके बाद नंबर तीन योजना है, घातक बीमारी के इलाज के लिए वित्तीय सहायता। लेबर कार्ड पर मजदूर को घातक बीमारी का इलाज करवाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। अगर मजदूर को कोई घातक बीमारी हो जाती है जैसे कि कैंसर, टीबी, एड्स इत्यादि तो इसके अंदर इलाज के लिए ₹1 लाख तक की सहायता सरकारी नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है।
मातृत्व लाभ, पितृत्व लाभ योजना
इसके बाद नंबर चार योजना है मातृत्व लाभ, पितृत्व लाभ योजना। अगर कोई महिला मजदूर बच्चे को जन्म देती है तो नवजात शिशु की उचित देखभाल और महिला के पौष्टिक आहार के लिए महिला मजदूर को मातृत्व योजना में ₹36,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है।
और अगर पुरुष मजदूर का लेबर कार्ड बना हुआ है तो पितृत्व योजना में 21 हज़ार रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है। अगर पति या पत्नी दोनों का लेबर कार्ड बना हुआ है तो पति या पत्नी किसी एक के लेबर कार्ड पर फार्म अप्लाई होगा और किसी एक योजना के तहत लाभ मिलेगा। यानी कि दंपति या तो पितृत्व योजना में आवेदन कर सकते हैं या मातृत्व योजना में आवेदन कर सकते हैं ।
मृत्यु सहायता, दाह संस्कार योजना
इसके बाद नंबर पांच योजना है मृत्यु सहायता, दाह संस्कार योजना। अगर मजदूर की मृत्यु हो जाती है तो कामगार की मृत्यु पर ₹2 लाख की वित्तीय सहायता व ₹15,000 की दाह संस्कार सहायता दी जाती है । मजदूर के कानूनी उत्तराधिकारी अर्थात नॉमिनी को कुल ₹2,15,000 की सहायता दी जाती है।
इसके लिए कामगार का मृत्यु प्रमाण पत्र होना जरूरी है और नॉमिनी का कानूनी उत्तराधिकारी होने का प्रमाण पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज साथ में लगाने जरूरी होते हैं।
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मेधावी छात्र योजना
इसके बाद नंबर छह पर आती है मजदूर के छात्र छात्रा की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता और मेधावी छात्र योजना। लेबर डिपार्टमेंट में पंजीकृत मजदूर के बच्चों को पहली कक्षा से डिप्लोमा, डिग्री, स्नातक एवं स्नातकोत्तर आदि कक्षाओं तक आठ हज़ार रुपए से 20 हज़ार रुपए तक की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाती है।
इसके अलावा श्रमिक के मेधावी बच्चे जिन्होंने 10वीं 12वीं की परीक्षा में शैक्षिक उत्कृष्ट प्रदान की है यानी कि बच्चे मेरिट लिस्ट में आए हैं, उनको छात्रवृत्ति इनाम राशि के रूप में ₹21,000 से लेकर ₹51,000 तक की वित्तीय सहायता राशि दी जाती है।
मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना
इसके बाद नंबर सात योजना है मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना। इस योजना में श्रमिक के नॉमिनी को ₹5 लाख की वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत मजदूर की अगर कार्यस्थल पर दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो मृत्यु हो जाने पर विभाग द्वारा उसके नॉमिनी को जो कानूनी उत्तराधिकारी होता है, उसको ₹5 लाख की वित्तीय सहायता दी जाती है।
इसके लिए कुछ शर्तें हैं, जैसे -
- दुर्घटना के संबंध में एफआईआर होनी चाहिए
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट होनी चाहिए
- मृत्यु प्रमाण पत्र होना चाहिए
- संबंधित अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट होनी चाहिए
- नॉमिनी होने का प्रमाण पत्र होना चाहिए ।
हरियाणा राज्य में इस योजना के तहत ₹5 लाख की सहायता देने का प्रावधान है। अलग अलग राज्य में योजना अलग हो सकती है और सहायता राशि भी अलग हो सकती है। आवेदन करने से पहले इसकी विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित विभाग से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।
औजार और साइकिल योजना
इसके बाद नंबर आठ योजना है औजार और साइकिल योजना। इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत मजदूर को अपने व्यवसाय से संबंधित औजार खरीदने के लिए 8000 की राशि दी जाती है और साइकिल खरीदने के लिए ₹5,000 की राशि दी जाती है। यानी कि औजार के लिए ₹8,000 और साइकिल के लिए ₹5,000, कुल ₹13,000 की राशि दी जाती है।
मकान खरीद-निर्माण हेतु ऋण योजना
इसके बाद नंबर नौ योजना है, मकान की खरीद निर्माण हेतु ऋण योजना। इस योजना में पंजीकृत मजदूर को उनके मकान की खरीद अथवा निर्माण के लिए ब्याज मुक्त ₹2 लाख का ऋण दिया जाता है। यानी कि कोई मजदूर है और वह अपने मकान का निर्माण करना चाहता है या मकान खरीदना चाहते हैं तो ₹2 लाख का बिना ब्याज के ऋण प्राप्त कर सकता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए शर्तें हैं। जैसे-
- कामगार की आयु 52 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए
- कामगार की पांच वर्ष की नियमित सदस्यता होनी चाहिए, यानी कि जो मजदूर है उसका लेबर कार्ड बने हुए पांच साल का समय पूरा हो जाना चाहिए।
निष्कर्ष
तो ये थी जानकारी लेबर कार्ड के बारे में और लेबर कार्ड पर मिलने वाले लाभों के बारे में। यहां पर मैंने कुछ लाभ के बारे में आपके साथ जानकारी शेयर की है। इसके अलावा लेबर कार्ड पर आप और भी कई प्रकार के लाभ प्राप्त कर सकते हो।
अगर आपका लेबर कार्ड नहीं बना हुआ है, आप पात्र व्यक्ति हो तो लेबर कार्ड बनवाना बहुत आसान है। अगर आप हरियाणा के रहने वाले हो तो इसके लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हो। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए इनकी वेब साइट में जाना है जो है - www.hrlabor.gov.in ।
यह सरकार की आधिकारिक साइट है। इस साइट पर जाकर के आप लेबर कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हो। अगर आप हरियाणा के रहने वाले हो तो फैमिली आईडी होना जरूरी है और आपकी फैमिली आईडी में व्यवसाय के कॉलम में कंस्ट्रक्शन वर्कर दर्ज होना चाहिए। तभी आप लेबर कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हो।
इसमें और अधिक स्कीमों की जानकारी के लिए आप जब साइट पर जायँगे तो वहां पर आपको लेबर कार्ड की सभी स्कीम के बारे में जानकारी मिल जाएगी।